ओम् स्वामी विश्व के कुछ अल्प, ध्यान सिद्ध पुरुषों में से हैं जिन्होंने अपने जीवन में १५००० घंटों से भी अधिक अधिकांशत: समय हिमालय के घने जंगलों व गुफाओं के कठोर एकांत में गहन ध्यान व मंत्र साधना में व्यतीत किया है।
सन्यास से पूर्व, ओम् स्वामी ने सिडनी से एम॰ बी॰ए॰ कर, एक मल्टी मिलियन डालर कम्पनी की स्थापना एवं संचालन किया, जिसके कार्यालय पाँच देशों में स्थापित किए गये थे। साथ ही वे न्यूज़ कोर्प, डेलोईट, जनरल मोटर्स, बार्कले जैसी कंपनियों में अति विशिष्ठ पदों पर कार्यरत थे। कॉर्पोरेट जगत की समस्त सुख समृद्धि और वैभव भी उन्हें सत्य के उत्कृष्ट मार्ग पर अग्रसर होने से रोक ना सकी।
ओम् स्वामी की लेखनी और प्रवचनों ने विश्वभर में असंख्य लोगों के जीवन को परिवर्तित किया है। ध्यान, सुस्वास्थ्य, आध्यात्म तथा अन्य कई विषयों पर लिखी गयीं वे पंद्रह लोकप्रिय पुस्तकों के रचनाकार हैं। इनमें से प्रमुख उल्लेखनीय कृतियाँ कुंडलिनी (Kundalini), मंत्रो का प्राचीन विज्ञान (The Ancient Science of Mantras), असंख्य विचार (A Million Thoughts), और सत्य कहूँ तो (If Truth Be Told) हैं।

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